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Monday, July 30, 2018

हेनरी फ़ोर्ड : फोर्ड मोटर कम्पनी के संस्थापक

हेनरी फ़ोर्ड : फोर्ड मोटर कम्पनी के संस्थापक

हेनरी फ़ोर्ड

फोर्ड मोटर कम्पनी के संस्थापक

जन्मदिन - ३० जुलाई १८६३

हेनरी फोर्ड (३० जुलाई १८६३ - ०७ अप्रैल १९४७) अमेरिका में फोर्ड मोटर कम्पनी के संस्थापक थे। वे आधुबिक युग की भारी मात्रा में उत्पादन के लिये प्रयुक्त असेम्ब्ली लाइन के जनक थे। हालांकि फोर्ड ने असेम्ब्ली लाइन का आविष्कार नहीं किया, लेकिन फोर्ड ने पहली ऑटोमोबाइल निर्मित और विकसित की जिसे कई मध्यम वर्ग के अमेरिकी बर्दाश्त कर सकते थे। उन्होने "मॉडल टी" नामक गाड़ी निकाली जिसने यातायात एवं अमेरिकी उद्योग में क्रान्ति ला दी। वे महान आविष्कारक भी थे। उन्हें अमेरिका के १६१ पेटेन्ट प्राप्त हुए थे। फोर्ड कम्पनी के मालिक के रूप में वे संसार के सबसे धनी एवं विख्यात व्यक्तियों में से थे। उन्होने अपनी अधिकांश सम्पत्ति फोर्ड फाउन्डेशन के नाम कर दिया और ऐसी व्यवस्था बना दी कि वह स्थायी रूप से उनके ही परिवार के नियन्त्रण में बनी रहे।
फोर्ड का विचार व दर्शन      
फोर्ड में आदर्शवादिता तथा कट्टरपन का विचित्र संमिश्रण था। ये पुंजोत्पादन के पक्षपाती थे, किंतु इनका यह भी विचार था कि उद्योग को इस प्रकार विकेंद्रित करना चाहिए कि खेती के साथ साथ कारखानों का काम भी चले। ये ऊँची मजदूरी देने के पक्ष में थे, किंतु मजदूर संघों के घोर विरोधी थे; यहाँ तक कि अपने कारखानों में संघों को पनपने न देने के विचर से ये भेदियों तथा सशस्त्र पुलिस से काम लेते थे। शांति के ये कट्टर पक्षपाती थे, किंतु नात्ज़ियों की भाँति ये यहूदी विरोधी थे। बैंकों और महाजनों से भी इनकी नहीं पटती थी। प्रथम विश्वयुद्ध के समय इन्होंने कुछ प्रभावशाली लोगों को एकत्रित कर ""ऑस्कर द्वितीय"" नामक शांति पोत पर यूरोप की यात्रा इस विश्वास से की कि यह अभियान युद्ध बंद कराने में समर्थ होगा। यह सब होते हुए भी देहाती जीवन के प्रति पक्षपात तथा अमरीका की विगत रीतियों तथा स्मृतिचिह्नों के प्रति अटूट श्रद्धा रखने के करण इन्होंने बड़ी लोकप्रियता प्राप्त की थी।
इनकी गणना संसार के सर्वप्रधान धनपतियों में थी। इन्होंने डीयरबॉर्न में एक औद्योगिक संग्रहालय तथा एडिसन इंस्टिट्यूट ऑव टेक्नॉलोजी की स्थापना की। मृत्यु के पूर्व इन्होंने अपनी संपत्ति का अधिकांश अपने नाम पर स्थापित जनहितैषी संस्था को दे दिया। यह संस्था संसार की लोकोपकारक संस्थाओं में सबसे धनी है। सन् 1947 में इनकी मृत्यु हुई। अपनी मृत्यु से दो वर्ष पूर्व ही इन्होंने अपने पोते, हेनरी फोर्ड द्वितीय, को कंपनी का अध्यक्ष बना दिया था।

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